शनिवार, 17 नवंबर 2012

ईश्वर हैं तो फिर ...

ईश्वर (भगवान् )वो परम पुरुष हैं ,जिन्हें केवल अनन्य भक्ति से ही पाया 
जा सकता हैं ईश्वर हैं कहाँ और उन्हें कैसे पाया जा सकता हैं ?यह जिज्ञासा 
सभी ज्ञानीजन के मन में रहती हैं ,यद्धपि उनका परम धाम हैं , फिर भी वे सृष्टि
की सूक्ष्म से भी सूक्ष्म में उपस्थित रहते हैं ,जब मन ,तन और आत्मा एकाकार
 होते हैं ,तब सच्चे प्रेमी की तरह उनका ह्रदय में प्रवेश होता हैं ,जो भी कृष्ण विज्ञानं
(तत्व )से पूर्णतया अवगत हैं ,वह  भक्त ही शुध्द भक्ति के  कारण  परमेश्वर को जान
 पाता  हैं ,और वह उस  निर्गुण  ब्रह्म में ही एकाकार होने लगता हैं,,OShri Radhe Krishna Bole...

शुक्रवार, 2 नवंबर 2012


ईश्वर तो आत्मा तक पँहुच रखते हैं ,,,,,,

दुनिया ईश्वर पर शायद दिखावटी विश्वास करती हैं ,मानवता के लिए सभावित खतरे की अनदेखी
करते हुए न जाने प्रतिदिन कितने प्रयोग होते होगे ,जो सभी के स्वास्थ्य के लिए मीठे जहर जैसे  हैं ,
हम प्रगतिवादी कहलाने की होड़ में नितं नए प्रयोग पर प्रयोग करते जा रहे हैं क्या हम सभी यह नहीं
जानते जंगल (वन )बगीचे में ,नदी ,तालाब ,गंदे पोखरों में तब्दील होते जा रहे हैं ,अरबों ,खरबों ,
की परियोजना  बनती पर परिणाम शून्य ही रहता हैं,चिडियों की चहचाहट ,पक्षियों का करलव अब
सुनाई नहीं देता ,प्रयोग कीजिय किन्तु ये जहर को भूमि में गहराई में दफन कीजिये,,अगर मानवी
गलती से आपदा /विपदा का कहर देख रहें .तो इस का दोष उन नास्तिक के सर मढ़ना सीखिए जो
परिणामो की तह तक नही जा पाते हैं ,ईश्वर तो आपकी आत्मा के करीब हैं ,पुकार कर देखिए .
.ओ श्री राधे कृष्णा बोले ...

शनिवार, 27 अक्तूबर 2012

"Associating With God"O Shri Radhe Krishna Bole ,A Person who accepts the path of devotional service is not bereft of the results derived from studying the Vedas; performing austere sacrifices,giving charity,or pursuing philosophical and fruitive activities.At the end he reaches the supreme abode."Radhe Radhe Bole..

मंगलवार, 21 अगस्त 2012

Oshri Radhe Krishna Bolo

ईश्वर अगर आपको किसी गलत कार्यवाही करने से रोकते हैं तो क्या आप रूक जाते हैं ,आप अपनी आत्मा की आवाज की सदैव अवहेलना करते हो ,ईश्वर हैं यह बात आप के गले से नीचे नहीं उतरती हैं ,कभी माँ /पिता /गुरु के रूप ईश्वर आपको गलत दिशा में जाने से रोकते हैं ,वर्तमान में भले ही  जो आपने किया वह आप  और आपके मित्रों को सुखद लगे पर अन्त में उसकी ही बात आपको भली लगेगी ,,ओश्री राधे कृष्ण बोलो ,,,

शनिवार, 14 जुलाई 2012

Om Jai Jagdish Hare Aarti ( Udit Narayan & Sneha Pandit)

ॐ जय जगदीश हरे कह के तो देखे ,,बस प्रयास की ही जरूरत हैं ;;भगवान ह्रदय में प्रवेश करने लगेगें फिर कहना खोजो अराध्यय अंतरतम से ,जिन खोजा तिन पाहिया गहरे पानी पैठ ..खोजो विज्ञान की तरह सार्थक प्रयोग के माध्यम से खोजो ,ईश्वर भी यही चाहते हैं ,जैसा प्रयास महात्मा बुध्द ने किया ,तुम भी कर देखो .आत्मा से परमात्मा की डोर बंधी हैं ,बस छोर चाहिए ,,फिर मिलते हैं राधे राधे ,,,

गुरुवार, 12 जुलाई 2012

God is and God say ,,,,

ईश्वर पर विश्वाष करने वाला कभी भी जीवन में हार नहीं मानता ,भगवान श्री कृष्ण ने गीता में कहा भी हैं ....

  • मैं समस्त आध्यात्मिक तथा भौतिक जगतों का कारण हूँ ,प्रत्येक वस्तु मुझ ही से उदभूत हैं !जो बुध्दिमान यह भलीभाँति जानते हैं ,वे मेरी प्रेमाभक्ति में लगते हैं तथा ह्रदय से ही पूरी तरह मेरी पूजा में तत्पर होते हैं !मेरे शुध्द भक्तों  के विचार मुझमें वास करते हैं ,उनके जीवन मेरी सेवा में अर्पित रहते हैं और वे एक दूसरे को ज्ञान प्रदान करते तथा मेरे विषय में बातें करते हुए परम संतोष तथा आनन्द का अनुभव करते हैं , 




बुधवार, 4 जुलाई 2012

भगवान आप को जीवन ...

भगवान हम सभी को जीवन में अनेकों बार मिलतें हैं ,कभी नन्हे बचपन के रूप में तो कभी संत /साध्वी के रूप में कभी कभी जब हम परेशांन रहते तो वृध्द के रूप में मार्ग दर्शन भी दे जाते हैं ,,

शुक्रवार, 25 मई 2012

omshri Radhe Radhe: माँ तो प्रकृति की हर संपदा में विधमान हैं ,,,,    ...

omshri Radhe Radhe: माँ तो प्रकृति की हर संपदा में विधमान हैं ,,,,    ...: माँ तो प्रकृति की हर संपदा में विधमान हैं ,,,,             तू और मैं बस न जाने क्यों दूसरों कि बातो में ,                      अपने...

माँ तो प्रकृति की हर संपदा में विधमान हैं ,,,,

            तू और मैं बस न जाने क्यों दूसरों कि बातो में ,
                     अपने ही हाथो से अपने ही घर को खोदने लगते हैं 
         हम सोचते हैं कौन हैं हमे देखने वाला हमे रोकने वाला माँ 
                    माँ तो दुनिया छोडकर चली गई पर भाई माँ हैं ...
          प्रकृति की हर संपदा में विधमान हैं ..भाई माँ  माँ हैं वो 
                      आज भी कल भी होगी क्योकि वो माँ हैं माँ 
                         वो सिर्फ देना जानती हैं माँ को जानो तब ही 
                                     प्रकृति को भी जान पाओ गे माँ तुम हो न 
            

बुधवार, 9 मई 2012

ईश्वर है 

ॐ  जय  श्री  राधे  कृष्ण /जीवन में इंसान भटकता ही रहता हैं,
 जिसप्रकार कस्तूरी हिरन की नाभि में रहती है और वह उसे ,
जंगल जंगल खोजता फिरता है ,उसीप्रकार हम भी आत्मा में 

विराजमान परमात्मा को जगह जगह तलासते है,,, ....,,,,,,,

राधे राधे बोल ,,,,,,,,
   

गुरुवार, 26 अप्रैल 2012

omshri Radhe Radhe: New thinks of life

omshri Radhe Radhe: New thinks of life:  धर्म या ईश्वर के प्रति अगर आप की आस्था है ,अपने राम को मन में ही रखिये ,आप अपने आराध्य को अगर माँ स्वरूप मानते है तो आत्मा के निकट रहने वा...

सोमवार, 20 फ़रवरी 2012

Tu Har Har Gange Bole Ja [Full Song] - Shiv Darshan

महाशिवरात्रि विशेष: तस्वीरों में देखें भगवान महाकाल के आकर्षक श्रृंगार - utsav- mahashivratri special-see photos of lord mahakala attractive makeup., - religion.bhaskar.com

महाशिवरात्रि विशेष: तस्वीरों में देखें भगवान महाकाल के आकर्षक श्रृंगार - utsav- mahashivratri special-see photos of lord mahakala attractive makeup., - religion.bhaskar.com

Rare Childhood Stuff

Vaishnav Parivar Bhajan By Deviji

Hari Sharanam Bhajan By Deviji

शुक्रवार, 27 जनवरी 2012