ईश्वर पर विश्वाष करने वाला कभी भी जीवन में हार नहीं मानता ,भगवान श्री कृष्ण ने गीता में कहा भी हैं ....
- मैं समस्त आध्यात्मिक तथा भौतिक जगतों का कारण हूँ ,प्रत्येक वस्तु मुझ ही से उदभूत हैं !जो बुध्दिमान यह भलीभाँति जानते हैं ,वे मेरी प्रेमाभक्ति में लगते हैं तथा ह्रदय से ही पूरी तरह मेरी पूजा में तत्पर होते हैं !मेरे शुध्द भक्तों के विचार मुझमें वास करते हैं ,उनके जीवन मेरी सेवा में अर्पित रहते हैं और वे एक दूसरे को ज्ञान प्रदान करते तथा मेरे विषय में बातें करते हुए परम संतोष तथा आनन्द का अनुभव करते हैं ,
- मैं समस्त आध्यात्मिक तथा भौतिक जगतों का कारण हूँ ,प्रत्येक वस्तु मुझ ही से उदभूत हैं !जो बुध्दिमान यह भलीभाँति जानते हैं ,वे मेरी प्रेमाभक्ति में लगते हैं तथा ह्रदय से ही पूरी तरह मेरी पूजा में तत्पर होते हैं !मेरे शुध्द भक्तों के विचार मुझमें वास करते हैं ,उनके जीवन मेरी सेवा में अर्पित रहते हैं और वे एक दूसरे को ज्ञान प्रदान करते तथा मेरे विषय में बातें करते हुए परम संतोष तथा आनन्द का अनुभव करते हैं ,
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