ॐ जय जगदीश हरे कह के तो देखे ,,बस प्रयास की ही जरूरत हैं ;;भगवान ह्रदय में प्रवेश करने लगेगें फिर कहना खोजो अराध्यय अंतरतम से ,जिन खोजा तिन पाहिया गहरे पानी पैठ ..खोजो विज्ञान की तरह सार्थक प्रयोग के माध्यम से खोजो ,ईश्वर भी यही चाहते हैं ,जैसा प्रयास महात्मा बुध्द ने किया ,तुम भी कर देखो .आत्मा से परमात्मा की डोर बंधी हैं ,बस छोर चाहिए ,,फिर मिलते हैं राधे राधे ,,,
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